नई दिल्ली: Ghaziabad के नाम को बदलने की मांग काफी पुरानी है, लेकिन अब इस पर नगर पालिका मीटिंग में गंभीरता से चर्चा की गई है। हां, पहली बार ऐसा मुद्दा मीटिंग के एजेंडा में शामिल हुआ। मीटिंग के बैठक में कई विकल्पिक नाम भी सुझाए गए थे, जैसे कि – गजनगर और हरंदी नगर। एक बीजेपी पार्षद ने इस NCR जिले के नाम को बदलने की प्रस्तावना की थी। यह इस एजेंडा में शामिल किया गया था और अब माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव आगे बढ़ा जा सकता है।नगर निगम की बोर्ड बैठक में जिले का नाम बदलने के लिए सदन की मंजूरी मिल गई है। इस दौरान सदन में प्रस्ताव पास होने पर भारत माता की जय के नारे लगाए गए।
इसके अलावा, सदन में एक और प्रस्ताव भी मंजूर हो गया है, जहां जनकपुरी इलाके में राम के नाम पर राम पार्क बनाने की मुहर लगी है। इसके साथ ही, सद्दीक नगर में स्पोर्ट्स सेंटर बनाने का भी प्रस्ताव मंजूर हो गया है।
Ghaziabad नाम कैसे पड़ा था?
उत्तर प्रदेश के Ghaziabad जिले का इतिहास:
Ghaziabad जिला उत्तर प्रदेश राज्य के एक महत्वपूर्ण जिलों में से एक है, जिसका ऐतिहासिक महत्व विभिन्न युगों में हुआ है। इसका इतिहास मुग़ल और ब्रिटिश शासनकाल से जुड़ा हुआ है।
1. मुग़ल औरंगजेब का शासन:गाजियाबाद का ऐतिहासिक पहला जिक्र मुग़ल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल में होता है, जब सन 1740 में यहाँ के नवाब गजीउद्दीन के नाम पर हिंडन नदी के किनारे स्थित शहर का नामकरण किया गया था।
2. ब्रिटिश शासनकाल:ब्रिटिश शासनकाल में, गाजियाबाद एक प्रमुख उद्योग और व्यापार केंद्र बना रहा है। यहाँ के उद्यमियों ने विभिन्न उद्योगों में निवेश किया और जनसंख्या के बढ़ते साथ शहर की विकास यात्रा शुरू हुई।
3. नामकरण का इतिहास:गाजियाबाद का नाम मुग़ल बादशाह औरंगजेब के नवाब गजीउद्दीन के नाम पर रखा गया था। इस नामकरण का ऐतिहासिक संबंध यहाँ के राजा गजपति राव के साथ भी जोड़ा जाता है।
4. हस्तीनापुर का ऐतिहासिक संबंध:कुछ ग्रंथों में कहा जाता है कि महाभारत काल में Ghaziabad क्षेत्र हस्तीनापुर का हिस्सा था। इसे महाभारत के युद्धक्षेत्रों में गिना जाता है।
गाजियाबाद जिला ने अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विवादों के बावजूद अपने समृद्धि और विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
क्या योगी सरकार Ghaziabad का नाम बदलने का क़दम उठा रही है? प्रस्ताव नगर निगम को भेजा गया है।
हालांकि अभी तक नाम बदलने का निर्णय नहीं हुआ है, इस पर चर्चा जारी है। गजनगर, हरनंदीनगर और दूधेश्वर नगर जैसे कई विकल्प रखे गए हैं, लेकिन इनमें से एक का चयन अब बाकी है। नाम पर निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार के हाथ में है।
पहले भी बदले गए नाम
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आगमन के बाद, पहले ही कई शहरों के नामों में परिवर्तन किए गए हैं। इसमें इलाहाबाद को प्रयागराज और फैजाबाद को अयोध्या में बदला जाना समाहित है। अलीगढ़ को हरिगढ़ में बदलने की भी संभावना है।
इसके अलावा, मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन में बदला गया है। उसके साथ ही, झांसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन में परिवर्तित किया गया है।