राम नामी समाज: एक ऐसा आदिवासी समुदाय जो अपने पूरे शरीर पर राम-राम का टैटू करवाते हैं

राम नामी समाज (Ram-Navi Samaj): चौंकाने वाली एक अनूठी कहानी

छत्तीसगढ़ में एक आदिवासी समुदाय है जिसने अपने शरीर में “राम राम” का टैटू बनवाया है। इसकी शुरुआत मुग़लों के समय की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से जुड़ी है जब मुग़ल सेना ने हिंदू मंदिरों को तोड़ने का कारण बनाया था। मुग़लों के सताने के बावजूद, इन आदिवासी लोगों ने हिम्मत दिखाकर अपने पूरे शरीर में भगवान राम के नाम का टैटू बनवा लिया है। इससे नामीकरण के बाद, उन्होंने मुग़लों से कहा, “तुमने हमारे मंदिर तोड़ दिए, लेकिन अब हम तुम्हारी तक़दीर को बदलेंगे।”इस अनूठी कहानी में साहस और भक्ति का संगम है। मुग़लों के खिलाफ उठे जाने के बावजूद, इन लोगों ने अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हुए राम राम के नाम से जुड़े हुए हृदय से टैटू बनवाया।यह कहानी हमें याद दिलाती है कि आस्था और साहस के साथ, हम किसी भी परिस्थिति में अपने मूल्यों के पक्ष पर खड़े हो सकते हैं। मुग़लों के बर्बाद होने के बावजूद, इन लोगों ने अपने आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए यह अनोखा कदम उठाया।

राम नामी समाज: एक ऐसा आदिवासी समुदाय जो अपने पूरे शरीर पर राम-राम का टैटू करवाते हैं
राम नामी समाज: एक ऐसा आदिवासी समुदाय जो अपने पूरे शरीर पर राम-राम का टैटू करवाते हैं

इस समुदाय में धार्मिकता का महत्वपूर्ण स्थान है। यह विशेष रूप से भगवान राम के भक्ति और नाम जाप में विश्वास करता है। बच्चों को जन्म के दो साल बाद ही राम नाम से यह टैटू किया जाता है।राम नामी समाज ने समाज में समाजवाद, एकता, और सामाजिक न्याय की बढ़ती भावना को प्रोत्साहित किया है।आज भी, इस समुदाय के लोग अपने शरीर में भगवान राम के नाम का टैटू बनवाते हैं, जो उनके साहस और धार्मिक आस्थाओं का प्रतीक है।

रामनामी समाज: इतिहास और विस्तार

  1. प्रारंभ: रामनामी समाज एक भक्ति सम्प्रदाय है जो भगवान राम के प्रति अपनी अद्वितीय भक्ति और आस्था को लेकर जाना जाता है। यह सम्प्रदाय प्राचीन भारतीय संस्कृति के साथ जुड़ा हुआ है और उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में प्रचलित है।
  2. स्वामी रामदेव जी: रामनामी समाज का उत्थान 19वीं सदी में हुआ था और इसके मूल स्थापक स्वामी रामदेव जी रहे हैं। उन्होंने भगवान राम के भक्ति और नाम जाप की महत्वपूर्णता को लेकर लोगों को प्रेरित किया और समाज में एकता और धार्मिकता की बढ़ती भावना को बढ़ावा दिया।
  3. धार्मिक प्रथाएँ: रामनामी समाज के साधक भगवान राम के नाम का जाप करने में लगे रहते हैं और उनमें से कुछ लोग अपने शरीर पर “राम नाम” लिखवाते हैं। इस समाज की प्रमुख पूजा में रामनाम महोत्सव और नामकीर्तन का आयोजन होता है।
  4. सामाजिक सुधार: रामनामी समाज ने सामाजिक सुधार और समाजिक न्याय के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। इसमें वर्ण-भेद भावना का खिलाफ़ होता है और समाज में समानता की बढ़ती भावना को प्रोत्साहित करता है।
  5. शिक्षा और सांस्कृतिक प्रचार: रामनामी समाज ने अपने समुदाय में शिक्षा और सांस्कृतिक प्रचार-प्रसार के लिए उत्साहित किया है। विभिन्न क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में उनका सकारात्मक योगदान भी है।Ram Mandir Pran Pratishtha: हिंदू धर्म में इसका महत्व और विधि, जानें प्राण प्रतिष्ठा का अद्भुत रहस्य

 

Ram Mandir Pran Pratishtha: हिंदू धर्म में इसका महत्व और विधि, जानें प्राण प्रतिष्ठा का अद्भुत रहस्य

One thought on “राम नामी समाज: एक ऐसा आदिवासी समुदाय जो अपने पूरे शरीर पर राम-राम का टैटू करवाते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *